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हिन्दी साहित्य

बी.ए. तृतीय वर्ष-
प्रशनपत्र – 1 (प्रयोजनमूलक हिन्दी)
1. इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी हिन्दी की प्रयोजनमूलकता से परिचित हो सकेंगे।
2. विद्यार्थी पत्रकारिता एवं कार्यालयीन कार्य में सक्षम हो सकेंगे।
3. संचार के विभिन्न माध्यमों की जानकारी प्राप्त कर रोजगार प्राप्ति की ओर बढ़ सकेंगे।
4. अनुवाद और कम्प्यूटिंग की दिशा में रोजगार प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

प्रशनपत्र – 2 हिन्दी नाटक, निबंध तथा स्फुटगय विधाऐं एवं बुंदेली भाषा-
1. इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी हिन्दी गद्य की विधाओं से परिचित होंगे।
2. प्रसिद्ध रचनाओं के माध्यम से साहित्य और संस्कृति से जुड़ेंगे।
3. नाटक के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के अवसर मिलेंगे।
4. बुंदेली भाषा के परिचय से लोक जीवन ओर साहित्य से जुड़ सकेंगे।

 

हिन्दी साहित्य
बी.ए. द्वितीय वर्ष-
प्रशनपत्र – 1 हिन्दी गद्य
1. विद्यार्थी गद्य साहित्य एवं प्रमुख रचनाओं से परिचित होंगे।
2. विद्यार्थीयों में साहित्य अध्ययन से संवेदनशीलता एवं मानवीय गुणों का विकास होगा।
3. साहित्य क्षेत्र में सर्जनात्मक लेखन एवं समीक्षा के प्रति प्रेरित होंगे।

प्रशनपत्र – 2 अनुवाद विज्ञान
1. विद्यार्थीयों में अनुवाद कौशल का विकास होगा।
2. भारतीय एवं विश्वभाषा साहित्य के अनुवाद क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
3. वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण के साथ सामंजस्य बनाने में समक्ष होंगे।

 

तृतीय सेमेस्टर/चतुर्थ सेमेस्टर
प्रशनपत्र – 1 आधुनिक हिन्दी काव्य तथा उसका इतिहास
1. इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी आधुनिक हिन्दी काव्य और उसकी विविधता से परिचित हो सकेंगे।
2. प्रसिद्ध रचनाओं के अध्ययन से आधुनिक काल की सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश से परिचित हो सकेंगे।
3. अपनी रचनात्मकता का विकास कर अध्यापन व लेखन के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

प्रशनपत्र – 2 भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा
1. इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी भाषा के सूक्ष्म विशलेषण से परिचित हो सकेंगे।
2. भाषाई तत्वों एवं व्याकरण पर विचार कर सकेंगे।
3. भाषाई दक्षता प्राप्त कर अध्यापन के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

प्रशनपत्र – 3 हिन्दी साहित्य का इतिहास
1. इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी हिन्दी साहित्य की सुदीर्घ परंपरा से परिचित हो सकेंगे।
2. हिन्दी साहित्य के इतिहास के विभिन्न कालों की पृष्ठभूमि से परिचित हो सकेंगे।
3. हिन्दी साहित्य का मूल्यांकन कर सकेंगे।
4. अध्यापन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
प्रशनपत्र – 4 सूरदास
1. इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल की गहराई से परिचित हो सकेंगे।
2. विद्यार्थी भक्त कदियों के वैशिष्ट्य से विज्ञ हो सकेंगे।
3. कृष्ण भक्ति परंपरा से परिचित हो सांस्कृतिक मूल्यांकन कर सकेंगे।
4. अपनी रचनात्मकता का विकास कर सकेंगे।